दी के बाद हर महिला की माँ बनने की चाहत बढ़ जाती हैं मगर कभी कभी गर्भधारण में देरी होने पर चिंता की लकीरें बढ़ जाती हैं । इस विषय को गम्भीर हो जाती हैं । तब गर्भधारण के पहले चरण पर गौर करते हैं और वो हैं ओवुलेशन ( Ovulation ) यानी अंडोत्सर्जन की प्रक्रिया । यह प्रक्रिया हर महीने होती हैं । हर महीने अंडाशय में कई अंडों निर्माण होता हैं । उनमें परिपक्व अंडा डिम्ब कोशिकाओं में पंहुचता हैं और शुक्राणु मिलन की प्रतीक्षा करता करता 5 से 7 दिनों तक जीवित रहता हैं । इस अवधि में संभोग करने पर गर्भ ठहरने की गुंजाइश 99% बढ़ जाती हैं ।

ovulation kya hai in hindi
ओवुलेशन क्या है

महिलाओं में गर्भधारण एक प्रकृति प्रदत्त अहम प्रक्रिया है और ये कई चरणों मे सम्पूर्ण होती हैं । उनमें से एक अहम प्रक्रिया हैं ओवुलेशन । जिसे अंडोंत्सर्ग कहते हैं । इस प्रक्रिया के दौरान अंडा अंडाशय से मुक्त होता हैं । मासिक धर्म के दौरान परिपक्व अंडों का निर्माण करते हैं साथ ही प्रजनन हार्मोन स्रावित करते हैं जिसे डिम्ब कोशिका कहते हैं ।

महिलाओं में मासिक धर्म के चौदहवे दिन अंडा अंडाशय से पृथक होकर गर्भाशय को बच्चे के लिए तैयार रहने का संकेत देता हैं । चूंकि धर्म चक्र के शुरुआती दिनों में डिम्बाणु जन कोशिकाओं का विकास होता हैं और उस समय महज़ एक ही अंडा अंडाशय से मुक्त होता हैं । यही परिपक्व अंडा शुक्राणुओं से मिलन की प्रतीक्षा में रहता हैं । यही कारण 12 से 24 घण्टो तक फैलोपियन ट्यूब में सक्रिय रहता हैं ।

यदि ओवुलेशन के पहले 4 दिन तक शारिरिक सम्बंध बनाते हैं तो प्रेग्नेंट होने के ज्यादा चांस रहते हैं क्योंकि शुक्राणु 5 दिन तक योनिमार्ग पर सक्रिय रहते हैं । यदि इस अवधि में परिपक्व अंडा शुक्राणु से नहीं मिलता हैं बच्चे दानी की परत उसे पतला कर देती हैं जिसे आपका गर्भ नहीं ठहरता हैं । ओवुलेशन के 14 दिन बाद गर्भाशय के ऊतक पुनः योनिमार्ग से रक्त स्राव शुरू कर देते हैं । जिसे मासिक धर्म कहते हैं ।

ओवुलेशन कब होता है ? ( ovulation kab hota hai ) –
महिलाओं में ओवुलेशन की प्रक्रिया मासिक धर्म की अवधि पर निर्भर करती हैं । आमतौर महिलाओ मासिक धर्म 28 से 32 दिन में होता हैं । औऱ ओवुलेशन 10 वे दिन से 19वे दिन तक होता हैं ।

ओवुलेशन कब तक रहता है ? ( mc ke kitne din baad ovulation hota hai ) –
ओवुलेशन की वास्तविक अवधि के बारे में जानना काफी मुश्किल है क्योंकि यदि आपका मासिक धर्म चक्र नियमित रूप से चल रहा है तो कोई दिक्कत नहीं है मगर अनियमित हैं तो ओवुलेशन भी कम ज्यादा हो सकता हैं । आमतौर पर मासिक धर्म से 10 से 19वे दिन तक रहता हैं ।

ओवुलेशन के लक्षण क्या है? (ovulation ke symptoms ) –
ओवुलेशन एक गर्भधारण की विशेष प्रक्रिया हैं जिस पर यदि आप विशेष ध्यान रखते तो आप जान सकते हैं कि आपका गर्भधारण होगा या नहीं । कुछ लक्षण सामने आते हैं जैसे :-

  1. मासिक रक्त स्राव में परिवर्तन – मासिक धर्म चक्र के दौरान प्रत्येक दिन सवाईकल म्यूकस में चेंजेस होते हैं । जैसे धर्म की समाप्ति के योनिमार्ग सूखा होना ।
  2. स्वस्थ एवं संतान प्राप्ति के योग्य महिलाओं में यह चरण 4 से 5 दिन की होती हैं । सवाईकल म्यूकस ओवुलेशन के दौरान कच्चे अंडे के सफेद भाग जैसा दिखाई देता हैं ।
  3. शारिरिक तापमान में परिवर्तन – ओवुलेशन के दौरान आपके बॉडी टेम्परेचर में परिवर्तन होता हैं । वजह जब अंडा अंडाशय से मुक्त होता हैं तब प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का निर्माण होता हैं तो उपजाऊपन में सहायक होता हैं ।

4.महिला के स्तनों में सवेदनशीलता – ओवुलेशन के दौरान महिलाओं के स्तनों में सवेदनशीलता आ जाती हैं कारण यह कि स्तनों की छोटी छोटी कोशिकाओं में सक्रियता आ जाती हैं जिसे तनिक स्पर्श भी एहसास करा देता हैं ।

  1. अन्य लक्षण – ओवुलेशन एक गर्भधारण की ऐसी प्रक्रिया है जो आपके कई संकेत देती हैं जैसे बॉडी में अमूलचूल परिवर्तन होने लगता हैं । सर दर्द होता हैं । कभी कभी जी मिचलाना भी होता हैं । पेट के निचले हिस्से में मामूली दर्द महसूस होना । ये सब हार्मोन परिवर्तन के कारण होता हैं ।

ओवुलेशन कैसे पता करें ? ( ovulation day kaise jane )

अंडोत्सर्जन यानी ओवुलेशन मादा प्रजनन का विशिष्ट हिस्सा होता हैं या यूं कहें कि यह शुरुआती चरण हैं । जिसे हर महिला जानने के उत्सुक रहती हैं की गर्भधारण के लिए तैयार है या नहीं । इनके बारे में पता करने के लिए आपको हर लक्षण पर गौर करना होगा । आपको बेसल बॉडी टेम्पचरेर पर ध्यान देना होगा । दूसरा आप अल्ट्रासाउंड से भी पता लगा सकते हैं । यह एक छोटा सा टेस्ट हैं जिसे आपको मार्केट से स्ट्रिप लानी होगी । जिस पर यानी 2 रेड लाइन आती हैं तो समझो आप ओवुलेशन पीरियड शुरू हो गया है । एक लाइन आने पर आपको इंतज़ार करना होगा ।

ओवुलेशन टेस्ट कैसे करें ( ovulation-test-kaise-kare-in-hindi )
महिलाओं जब गर्भवती नहीं हो पाती तो ओवुलेशन टेस्ट की आवश्यकता होती हैं । ओवुलेशन टेस्ट करके एल एच हार्मोन की वृद्धि पता लगा सकते हैं । इनके ओवुलेशन टेस्ट किट का उपयोग करते हैं । जो आपको प्रेग्नेंट होने में मदद करता है । इनके लिए आपको अपने पेशाब की 2 बूंद स्ट्रिप पर डालनी होगी । इनके 5 मिनट बाद आपको परिणाम मिल जाता हैं । यदि 2 रेड लाइन आ गई तो Positive यानी आप गर्भधारण कर सकते हैं । इस समय यदि सेक्स किया जाये तो 99% प्रेग्नेंट होने का चांस रहते हैं ।

ओवुलेशन टेस्ट कब करे ? ( ovulation test kab karna chahiye ) –
ओवुलेशन टेस्ट करने की एक अवधि होती हैं । जिसे आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं । आमतौर पर ओवुलेशन के 36 घण्टे पहले होता हैं । ओवुलेशन टेस्ट करने का सही समय सुबह 10 से 12 बजे तक एवं शाम 5 बजे से 7 बजे तक ।

ओवुलेशन किट के फायदे ( Ovulation kit ke fayde ) –
आसानी से प्रेंग्नेंट न होने कारण ओवुलेशन किट की आवश्यकता होती हैं । यह किट आपके प्रेग्नेंट होने की भविष्यवाणी करता है । इनके अनेक फायदे हैं जैसे –

  1. ओवुलेशन टेस्ट करके अंडा कब रिलीज होगा इनकी जानकारी रख सकती हैं ।
  2. ओवुलेशन किट से 80% तक सटीक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं ।
  3. डिम्बोत्सर्जन की अवधि के बारे में जानने के साथ साथ मूत्र परीक्षण द्वारा एल एच हार्मोन की वृद्धि दर की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । जिसे आप गर्भधारण आसानी से कर सकते हैं ।

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