पीसोओडी

आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा कहती है कि आज के समय में महिलाओं एवं युवतियों की जीवनशैलीऔर और खानपान बहुत ज्यादा प्रभावित हो चुका है। जिसके कारण उनके शरीर के हार्मोन इम्बैलेंस होने लगे है। हार्मोन असंतुलन हो जाने के कारण  पीसीओडी जैसी बीमारी होना एक आम बात हो चुकी है। 

कुछ समय पहले पीसीओडी की समस्या अधिक उम्र अर्थात जिन महिलाओं की उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच होती है उनमें देखने को मिलती थी परंतु अब तो यह है कि स्कूल में पढ़ रही बच्चिों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पीसीओडी पर हुए अध्ययनों से पता चलता है कि पहले जहां पर 10 में से 1 महिला को पीसीओडी थी परंतु वर्तमान समय में 10 महिलाओं में से 2 महिलाएं पीसीओडी से प्रभावित है। 

पीसीओडी से प्रभावित महिलाओं के युट्रस में एंड्रोजन हार्मोन अधिक हो जाता है जिसके कारण ओवरी में सिस्ट बनने लगते है। कुछ मामलों में पीसीओडी का कारण अनुवांशिक भी माना जाता है परंतु इसके केश बहुत ही कम देखने को मिलते है। परंतु मुख्य रुप से पीसीओडी की समस्या हार्मोन असंतुलन, तनाव, चिनंता, अनियंत्रित वजन के कारण ही उत्पन्न होती है। 

पीसीओडी के लक्षण (PCOD ke lakshan in hindi) – 

जिन महिलाओं या युवतियों को पीसीओडी की समस्या है तो उन्हें कुछ इस तरह के लक्षणों के संकेत मिलते है जोकि नीचे दर्शाये गये है – 

  1. अनियंत्रिक वजन 
  2. पेट में अत्यधिक पीड़ा होना। 
  3. अनियमित माहवारी 
  4. शरीर में हमेशा थकान महसूस होना और आलसपन सा बना रहना। 
  5. बालों का गिरना । 
  6. मुंहासे की समस्या होना। 
  7. चेहरे या शरीर के अन्य अंगों पर अधिक बाल उगना। 
  8. स्वभाव में चिडचिडापन होना। 

पीसीओडी के घरेलु उपाय (PCOD ke gharelu upay in hindi ) – 

पीसीओडी की समस्या के लक्षण यदि शुरुआत में ही समझ में आ जायें और समय से इसका उचित उपचार मिल जायें तो बहुत आसानी से इसको ठीक किया जा सकता है । यदि यह गंभीर हो जाता है तो ठीक होने में समय लग सकता है। खानपान एवं जीवनशै-दिनचर्या का यदि ठीक से पालन किया जाये तो घरेलु उपाय करने से भी बहुत अच्छे लाभ प्राप्त होते है। 

  1. नित्य सुबह उठकर गुनगुना पानी अवश्य पीना चाहिए। 
  2. आंवला, एलोवेरा का जूस पीसीओडी की समस्या में लाभकारी है। 
  3. दशमूलारिष्ट का काढ़ा भी पी सकती है। 
  4. शतावर का चूर्ण से भी अच्छा लाभ मिलता है। 
  5. अरंडी के तेल की मसाज पीसीओडी से छुटकारा दिलाने में मदद करती है। 
  6. सफेद नमक की जगह काले नमक का सेवन करें जो अधिक गुणकारी है। 
  7. सेव का सेरका भी ले सकती है। 
  8. अलसी के बीज खाने से शरीर का शुद्धि करण हो जाता है जो पीसीओडी से निजात दिला सकते है। 
  9. दालचीनी का काढ़ा चिकित्सक की परामर्श पर कर सकती है। 
  10.  गाजर, अखरोट, पिस्टा, गुड, इलायची आदि का पाक बनाकर भी इसके सेवन कर सकती है। 

पीसीओडी का आयुर्वेदिक इलाज ( pcod ka ayurvedic ilaj in hindi ) – 

आयुर्वेद में पीसीओएस उपचार आहार और जीवन शैली में संशोधन के साथ पीसीओडी के लिए विरेचन (विषहरण), नस्य, शिरोधारा और उत्तरबस्ती के  द्वारा किया जाता है। पीसीओडी के उपचार में शतयु आयुर्वेद का एक बहुत ही व्यवस्थित दृष्टिकोण है। हम प्रत्येक महिला के लिए एक अनुकूलित उपचार की योजना बनाते हैं जो उनके लक्षणों पर आधारित होते है। आयुर्वेद में, शरीर को एक जीवित जीव के रूप में देखा जाता है, जिसमें तीन दोष- वात, पित्त और कफ संतुलित होना चाहिए। पीसीओएस मूल रूप से कफ विकार है।

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